Aggarwal Bhawan Assandh

महाराजा अग्रसेन जी

महाराजा अग्रसेन जी प्राचीन भारत के महान सम्राट थे जिन्होंने अग्रोहा साम्राज्य की स्थापना कर समता, सादगी और सेवा के सिद्धांत दिए। सूर्यवंशीय क्षत्रिय राजा वल्लभ सेन के पुत्र अग्रसेन ने जातिगत भेद मिटाकर 18 गोत्रों (व्यवसाय-आधारित) की रचना की, जो आज अग्रवाल समाज के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने नैतिक व्यापार (“बिना ब्याज ऋण दो”) और सहकारिता को बढ़ावा दिया, साथ ही लंगर प्रथा व पशु-पक्षी रक्षण जैसे समाजसुधार किए। आज भी अग्रसेन जी की विरासत देशभर की धर्मशालाओं, शैक्षणिक संस्थानों और अग्रसेन महासभा के माध्यम से जीवित है। “धन का उपयोग सेवा में करो” का उनका संदेश अग्र कुंज भवन धर्मशाला के मिशन को प्रेरित करता है।
महाराजा अग्रसेन जी एक आदर्श शासक, कुशल प्रशासक और महान समाज सुधारक थे, जिन्होंने अपने जीवन से समस्त मानव जाति को सच्चे मानवता और नैतिकता का पाठ पढ़ाया। इनका जन्म सूर्यवंशीय राजा वल्लभ सेन के घर में हुआ था और इन्होंने अग्रोहा नामक स्थान पर अपने साम्राज्य की स्थापना की। महाराजा अग्रसेन ने अपने शासनकाल में अद्वितीय सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था की नींव रखी, जिसमें उन्होंने जाति व्यवस्था को समाप्त कर व्यवसाय आधारित 18 गोत्रों की स्थापना की।
उनके शासन की विशेषता थी – “समता, सादगी और सेवा” के सिद्धांत। उन्होंने व्यापार में नैतिकता को सर्वोच्च स्थान दिया और “बिना ब्याज के ऋण देना” जैसे सिद्धांत प्रतिपादित किए। महाराजा अग्रसेन ने समाज में एकता स्थापित करने के लिए सभी वर्गों को समान अधिकार दिए और लंगर प्रथा को बढ़ावा दिया। उनका मानना था कि “धन का सदुपयोग समाज कल्याण में ही होना चाहिए”।
आज भी महाराजा अग्रसेन जी के ये सिद्धांत अग्रवाल समाज के माध्यम से जीवित हैं और देशभर में अनेक धर्मशालाएं, शैक्षणिक संस्थान व चिकित्सालय इनके नाम पर संचालित हो रहे हैं। अग्र कुंज भवन धर्मशाला भी उन्हीं के आदर्शों पर चलकर समाज सेवा का कार्य कर रही है। महाराजा अग्रसेन जी का जीवन हमें सिखाता है कि “सच्चा मानव वही है जो दूसरों के कल्याण के लिए जीवन व्यतीत करे”।
महाराजा अग्रसेन जी

हमारा उद्देश्य

समाज सेवा और सद्भावना के लिए समर्पित
Agar Kunj Dharamshala का मुख्य उद्देश्य समाज में समानता, सेवा और सहयोग को बढ़ावा देना है। यह धर्मशाला विवाह समारोह, धार्मिक कार्यक्रमों, सामाजिक उत्सवों और सेवा कार्यों के लिए एक आदर्श स्थान है। हमारा प्रयास है कि हर आयोजन में मेहमानों को सुविधाजनक, सुरक्षित और आत्मीय वातावरण मिले।
हम धर्मशाला को एक ऐसे मंच के रूप में देखते हैं, जहां लोग एकत्रित होकर प्रेम, सेवा और भाईचारे की भावना को मजबूत कर सकें।

हमारी प्रेरणा

महाराजा अग्रसेन जी के सिद्धांतों से प्रेरित
यह धर्मशाला उनके सहयोग, दया और उदारता के मूल्यों को साकार करती है, जहां हर वर्ग को समान अवसर मिले।
Agar Kunj Dharamshala की स्थापना महाराजा अग्रसेन जी के महान सिद्धांतों से प्रेरित होकर की गई है। उनका जीवन समाज में समानता, परोपकार और सहयोग का प्रतीक था। उनके “जियो और जीने दो” के आदर्श को आत्मसात करते हुए धर्मशाला समाज सेवा के लिए समर्पित है।

हमारी विशेषताएं

समारोह को खास बनाने वाली आधुनिक सुविधाएं
Agar Kunj Dharamshala में आगंतुकों की सुविधा के लिए आधुनिक और सुविधाजनक व्यवस्था उपलब्ध है:
विशाल हॉल और लॉन

विवाह, सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के लिए उपयुक्त।

आधुनिक रसोई

स्वादिष्ट और स्वच्छ भोजन व्यवस्था।

AC और Non-AC रूम्स

आरामदायक और स्वच्छ आवास।

विशाल पार्किंग

आयोजन में शामिल होने वालों के लिए पर्याप्त पार्किंग सुविधा।

सुरक्षा व्यवस्था

कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है।